कोरोना वायरस के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत अहम है। इसी को मद्देनजर रखते हुए देश के कुछ चुनिंदा बैंको ने अपने ग्राहकों को ATM मशीन से बिना कार्ड पैसे निकालने की सुविधा दी है।
हालांकि इस सुविधा के तहत रोजाना के लेन-देन की एक सीमा निर्धारित की गई है जो बैंकों के मुताबिक 10,000-20,000 के बीच है।
चलिए जानते हैं कि कौन-कौन से बैंक यह सुविधा दे रहे हैं और इसका कैसे फायदा उठाया जा सकता है।
इस खबर में
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक इस प्रक्रिया को करें फॉलो
ICICI बैंक भी दे रहा है यह सुविधा, जानें प्रक्रिया
बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के ग्राहक इस प्रक्रिया को करें फॉलो
AXIS बैंक के ग्राहक ऐसे उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ
इन सुरक्षित टिप्स पर जरूर दें ध्यान
इन बैंकों से बिना कार्ड ATM से पैसे निकाल सकते हैं ग्राहक, जानिए प्रक्रिया
SBI भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक इस प्रक्रिया को करें फॉलो
सबसे पहले SBI की इंटरनेट बैंकिंग ऐप YONO को डाउनलोड करें, फिर 'YONO Cash' पर क्लिक करके अपना अकाउंट नंबर सलेक्ट कर निकासी राशि की संख्या डालें।
अब एक मैसेज आएगा जिसमें YONO कैश ट्रांजेक्शन नंबर और PIN भी होगा। इसके बाद ग्राहक को SBI के ATM जाना होगा और एटीएम स्क्रीन पर 'YONO Cash' को चुनकर कैश ट्रांजेक्शन नंबर, निकासी की राशि समेत YONO कैश पिन डालना होगा।
सत्यापन के बाद ATM से ग्राहक को नकदी मिल जाएगी।
ICICI ICICI बैंक भी दे रहा है यह सुविधा, जानें प्रक्रिया
इसके लिए ICICI बैंक का मोबाइल ऐप डाउनलोड करके सर्विसेज में जाकर 'Cardless Cash Withdrawal' पर क्लिक करना होगा। फिर राशि संख्या, PIN समेत अकांउट चुनकर सबमिट पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद एक मैसेज मिलेगा जिसमें 6 अंकों का कोड दिया जाएगा जो छह घंटे तक वैध रहेगा। अब ग्राहक को बैंक के ATM पर जाकर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, PIN, छह अंकों का कोड और निकासी राशि डालनी होगी।
सत्यापन के बाद ग्राहक को ATM से नकदी मिल जाएगी।
BOB बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के ग्राहक इस प्रक्रिया को करें फॉलो
BOB बैंक का मोबाइल ऐप डाउनलोड करके 'Cash on Mobile' पर क्लिक करें। फिर राशि (5,000 रुपये तक) और मोबाइल PIN दर्ज करना होगा जिसके बाद बैंक की तरफ से मैसेज द्वारा छह अंकों का एक कोड दिया जाएगा जिसकी वैधता सिर्फ 15 मिनट होगी।
अब ग्राहक को BOB के ATM पर जाकर 'Cash on Mobile' के विकल्प पर क्लिक करके मैसेज वाला कोड और निकासी की राशि दर्ज करनी होगी। इसके बाद ग्राहक को ATM से नकदी मिल जाएगी।
AXIS AXIS बैंक के ग्राहक ऐसे उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ
AXIS बैंक के ग्राहकों को ATM से बिना कार्ड पैसे निकालने के लिए इंस्टेंट मनी ट्रांसफर (IMT) सेवा चालू करवानी होगी।
इसके बाद बैंक के ATM पर जाकर ग्राहक को IMT विकल्प को चुनकर 'Withdraw IMT' पर क्लिक करके अपने अकाउंट संबंधी कुछ जानकारियां जैसे मोबाइल नंबर, सेंडर्स कोड, बैंक द्वारा दिया गया मैसेज कोड और IMT राशि दर्ज करनी होगी।
इस प्रक्रिया के बाद ग्राहक को ATM मशीन से नकदी मिल जाएगी।
टिप्स इन सुरक्षित टिप्स पर जरूर दें ध्यान
1) समय-समय पर अपने PIN को बदलते रहें और अपनी जन्मतिथि आदि की तारीख को बतौर PIN इस्तेमाल न करें। साथ ही PIN डालते समय POS कीपैड को कवर कर लें।
2) अपने अकाउंट के साथ मोबाइल नंबर को अपडेट जरूर करें जिससे आपको अपने अकाउंट से सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी मिलती रहे।
3) ATM के कमरे में एक समय पर एक ही व्यक्ति अंदर जा सकता है इसलिए अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति को वहां न आने दें।
कोरोना महामारी के बीच लोग बैंक जाने से बचने के लिए डिजिटल पेमेंट का सहारा ले रहे हैं। डिजिटल पेमेंट से घर बैठे-बैठे मिनटों में लाखों रुपये इधर से उधर भेजे जा सकते हैं।
हालांकि, यह काम बहुत आसान है, लेकिन इसमें सावधानी बरतना भी उतना ही जरूरी है। कई बार जल्दबाजी या गलती से गलत अकाउंट में पैसे चले जाते हैं।
आइये, जानते हैं कि गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने पर आपको क्या करना चाहिए।
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सबसे पहले बैंक को दें सूचना
सबूत के तौर पर बैंक को दिखाएं ट्रांजेक्शन का स्क्रीनशॉट
कितने समय में वापस आएगा पैसा?
अलग-अलग बैंकों में अकाउंट होने पर लगता है ज्यादा समय
अलग-अलग बैंक में अकाउंट होने पर पूरी करनी होगी यह प्रक्रिया
अगर सामने वाला पैसा लौटाने से मना कर दे तो?
डिजिटल पेमेंट: गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने पर तुरंत करें ये काम
डिजिटल ट्रांजेक्शन सबसे पहले बैंक को दें सूचना
अगर जल्दबाजी, गलती या भूल से आप किसी दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं तो सबसे पहले इसकी जानकारी बैंक को दें।
आप फोन, ईमेल के जरिये अपने बैंक को इसकी जानकारी दे सकते हैं। आप चाहें तो ब्रांच में जाकर मैनेजर को भी इस बारे में बता सकते हैं।
आपको बैंक में ट्रांजेक्शन का समय और तारीख, अपना अकाउंट नंबर, जिस अकाउंट में आपने पैसे ट्रांसफर किए हैं, समेत सभी जरूरी जानकारी देनी होगी।
जानकारी सबूत के तौर पर बैंक को दिखाएं ट्रांजेक्शन का स्क्रीनशॉट
इसके अलावा हमेशा कोई भी ट्रांजेक्शन करते समय उसका स्क्रीनशॉट जरूर ले लें। यह भविष्य मे आपके काम आ सकता है। आप बैंक में गलत ट्रांजेक्शन का स्क्रीनशॉट भी दिखा सकते हैं।
डिजिटल ट्रांजेक्शन कितने समय में वापस आएगा पैसा?
अगर आपसे किसी गलत या दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ है तो पैसा वापस लेने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
आपने जिस अकाउंट में पैसे भेजे हैं, अगर वह अस्तित्व में नहीं है तो आपका पैसा थोड़ी देर बाद ही आपको मिल जाएगा।
वहीं अगर आपका पैसा किसी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में चला गया तो आपको इसकी जानकारी बैंक को देनी होगी। यहां से तय प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आपको वापस मिलेंगे।
जानकारी अलग-अलग बैंकों में अकाउंट होने पर लगता है ज्यादा समय
अगर आपका और आपसे जिस व्यक्ति को पैसे भेजे गए हैं, उसका अकाउंट एक ही बैंक में है तो प्रक्रिया जल्दी पूरी हो जाती है और जल्दी पैसा मिल जाता है, लेकिन अलग-अलग बैंकों में अकाउंट होने पर प्रकिया पूरी होने में समय लगता है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन अलग-अलग बैंक में अकाउंट होने पर पूरी करनी होगी यह प्रक्रिया
अगर आपसे जिस अकाउंट में पैसे भेजे गए हैं, वह दूसरे बैंक का है तो उस बैंक की ब्रांच में जाकर पूरी जानकारी देनी होगी।
आपकी जानकारी से संतुष्ट होने के बाद बैंक अपने ग्राहक की जानकारी आपसे साझा करेगा।
साथ ही वह उस ग्राहक को भी इसकी जानकारी देगा। ग्राहक की मर्जी के बिना बैंक उसका पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकते।
बैंक उस अकाउंट होल्डर को मामले की जानकारी देगा और पैसे वापस ट्रांसफर करने को कहेगा।
जानकारी अगर सामने वाला पैसा लौटाने से मना कर दे तो?
गलती या भूल से हुए ट्रांसफर के अधिकतर मामलों में लोग पैसा वापस ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो आप उसके खिलाफ पुलिस के पास केस दर्ज करा सकते हैं।
ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। इसके उपयोग से लोगों के काम आसान हो रहे हैं, लेकिन इससे कई बार नुकसान भी हो जाता है।
कई बार स्मार्टफोन में वायरस आ जाने के कारण आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इससे वह हैक भी हो सकता है।
वायरस के कारण आपके स्मार्टफोन से आपकी पर्सनल डिटेल्स भी लीक हो सकती हैं।
आइए स्मार्टफोन में वायरस है या नहीं, यह पता लगाने के तरीके जानें।
अगर आपके स्मार्टफोन में वायरस है तो ऐसे पता लगाएं
इस खबर में
अधिक डाटा खर्च होने लगे तो समझो वायरस है
टेक्स्ट मैसेज के लग रहे अधिक पैसे
स्मार्टफोन का गर्म होना भी है वायरस के होने का संकेत
स्पीड स्लो होना
अधिक बैटरी होती है खर्च तो हो सकता है वायरस
मोबाइल डाटा अधिक डाटा खर्च होने लगे तो समझो वायरस है
अगर आपका मोबाइल डाटा अधिक खर्च होने लगा है तो इसे नजरअंदाज न करें। इसका कारण आपके स्मार्टफोन में वायरस का होना भी हो सकता है।
ज्यादा इस्तेमाल किए बिना अगर आपका मोबाइल डाटा पहले के मुकाबले अधिक खर्च हो रहा है तो समझ जाएं कि आपका स्मार्टफोन वायरस की चपेट में आ गया है।
बिना देरी दिए उसे सर्विस सेंटर पर दिखाएं या अच्छा एंटी वायरस इनस्टॉल करें। अधिक दिनों तक स्मार्टफोन में वायरस होना खतरनाक हो सकता है।
टेकस्ट मैसेज टेक्स्ट मैसेज के लग रहे अधिक पैसे
अगर आप पोस्टपेड कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं और आपके बिल में टेक्स्ट मैसेज के अधिक चार्ज लग रहे हैं तो आपके स्मार्टफोन में वायरस हो सकता है।
आप इस बात का आसानी से पता लगा सकते हैं कि कहीं आपके स्मार्टफोन से प्रीमियम रेट पर SMS तो नहीं भेजे जा रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक स्पेशल नंबर होता है, जिस पर मेसेज भेजने के अधिक रुपये लगते हैं।
जानकारी स्मार्टफोन का गर्म होना भी है वायरस के होने का संकेत
स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल न करने से भी अगर वह गर्म हो रहा है तो समझ जाएं कि उसमें वायरस है। कॉलिंग और मैसेज के दौरान भी अगर आपका स्मार्टफोन जरूरत से ज्यादा गर्ग होता है तो उसमें वायरस हो सकता है।
स्पीड स्पीड स्लो होना
अगर आप अपने एंड्रायड स्मार्टफोन में व्हाट्सऐप का उपयोग कर रहे हैं और वह चलते-चलते स्लो चल रहा है तो समझें कि व्हाट्सऐप में वायरस है।
स्मार्टफोन की स्पीड कम होने के कारण कैमरा और ब्राउजिंग स्पीड भी स्लो हो जाती है। इसके साथ ही टेक्स्ट मैसेज और टाइपिंग में की स्पीड भी स्लो होने लगती है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और व्हाट्सऐप को अनइंस्टॉल कर दें। इससे आपका स्मार्टफोन बच सकता है।
बैटरी अधिक बैटरी होती है खर्च तो हो सकता है वायरस
स्मार्टफोन की बैटरी अगर जल्दी खर्च होती है तो आप सोचते हैं कि या तो उसकी बैटरी खराब हो गई है या आप जरूरत से ज्यादा उसका उपयोग कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बैटरी अगर बहुत जल्द खत्म हो रही है तो हो सकता है कि आपके स्मार्टफोन में वायरस हो।
अगर आपके स्मार्टफोन में ऊपर बताई गईं परेशानियां है तो ये उसमें वायरस होने का संकेत हैं। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।
चीन का रक्षा बजट सन 2020 में 179 अरब डॉलर था जबकि भारत का रक्षा बजट केवल 70 अरब डॉलर का है. इसके अलावा चीन के पास भारत से अधिक बड़ी सेना भी है. लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि भारत की सेना को पृथ्वी पर दुनिया की सबसे खतरनाक सेना माना जाता है. आइये इस Tech DNA video में भारत और चीन के बीच डिफेन्स ताकत की तुलना करते हैं.
भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां मानी जातीं हैं. डोकलाम विवाद के कारण इन देशों के सम्बन्ध और भी कड़वे हो गए हैं. भारत, CPEC (China–Pakistan Economic Corridor) को लेकर पहले ही अपना ऐतराज जता चुका है. चीन “स्ट्रिंग्स ऑफ़ पर्ल्स प्रोजेक्ट” के जरिये भारत को उसकी सीमा के भीतर चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रहा है.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन दोनों देशों में ज्यादा शक्तिशाली कौन है?
आइये इस Tech DNA ke Video में यही जानने की कोशिश करते हैं कि इन दोनों देशों की सैन्य ताकत में किसका पलड़ा भारी है?
थल सेना में किसका पलड़ा भारी है?
इतना तो आप जानते हैं कि लड़ाई में क्रूरता और लड़ाई की कला आना बहुत ही जरूरी है. सब को पता है कि चीन का सैनिक मौका पड़ने पर कुंगफू का इस्तेमाल कर सकता है, और बिना बन्दूक के लड़ सकता है, और किसी भी वस्तु को हथियार की तरह प्रयोग कर सकता है.
इसके अलावा चीनी सैनिक खाने के लिए अंडे मांस या अन्य पौष्टिक आहारों का इंतजार न करके जानवर, पशु-पक्षी, सांप-बिच्छू को खाकर अपना पेट भर सकते हैं और तो और वे मरे हुए सैनिकों को भी कच्चा खा सकते हैं. चीन के सैनिक ठन्डे इलाकों में भी आसानी से रह सकते है. चीनी सेना में मंगोल सैनिक हैं, जो दुनिया के सबसे क्रूर और खूंखार सैनिक हैं. भारत के ऊपर जब नादिरशाह और चंगेश खान ने आक्रमण किया था तो उनकी मुख्य ताकत उनकी सेना के मंगोल सैनिक ही थे.
दूसरी ओर यह बात भी किसी से नही छुपी है कि भारत के सैनिकों को पृथ्वी पर लड़ी जाने वाली लडाइयों के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में गिना जाता है. “यह कहना गलत नही होगा कि यदि किसी सेना में अगर अंग्रेज अफसर हो, अमेरिकी हथियार हों और हिंदुस्तानी सैनिक हों तो उस सेना को युद्ध के मैदान में हराना नामुमिकन होगा.”
अब यह सवाल उठता है कि क्या भारत के सैनिक इतने क्रूर हैं और इतने अधिक तैयार हैं कि वे कुछ भी खाकर युद्ध में डटे रहेंगे. इसका उत्तर होगा नही. लेकन फिर भी भारत से जीतना चीन के लिए आसान नही होगा जानिए क्यों ?
INS विक्रमादित्य युद्धपोत
INS विक्रमादित्य युद्धपोत, पूर्व सोवियत विमान वाहक एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम है. इस विमान वाहक पोत को 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. इसकी लंबाई लगभग तीन फुटबॉल मैदानों तथा ऊंचाई लगभग 22 मंजिली इमारत के बराबर है.
इस पर कामोव-31, कामोव-28, हेलीकॉप्टर, मिग-29-K लड़ाकू विमान, ध्रुव और चेतक हेलिकॉप्टरों सहित तीस विमान और एंटी मिसाइल प्रणालियां तैनात होंगी, जिसके परिणामस्वरूप इसके एक हजार किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के लड़ाकू विमान और युद्धपोत नहीं फटक सकेंगे.
विक्रमादित्य में 1,600 लोगों को ले जाने की क्षमता है और यह 32 नॉट (59 किमी/घंटा) की रफ्तार से गश्त करता है और 100 दिन तक लगातार समुद्र में रह सकता है.
INS चक्र-2
आईएनएस चक्र-2, भारतीय नौसेना की नाभिकीय ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी है. भारत ने इसे रूस से एक अरब डॉलर के सौदे पर लिया है. इसे 4 अप्रैल 2012 को विशाखापत्तनम में भारतीय सेना को सुपुर्द किया गया था. भारतीय नौसेना में शामिल यह पनडुब्बी परमाणु अटैक करने में सक्षम एक मात्र पनडुब्बी है.
यह पलक झपकते ही चीन और पाकिस्तान पर परमाणु हमला कर सकती है. यह पनडुब्बी 600 मीटर तक पानी के अंदर रह सकती है. यह तीन महीने लगातार समुद्र के भीतर रह सकती है. समुद्र में इसकी रफ्तार 43 किमी प्रति घंटा है.
भारत के सामने क्या चुनौतियाँ होंगी?
चीन के साथ की लड़ाई मैंदान की लड़ाई नहीं होगी, यह पहाड़ों की लड़ाई होगी, और पहाड़ों की लड़ाई में तोप और गोलों की जगह पैदल सेना का ज्यादा महत्त्व होता है. यहाँ पर चीन की सेना के पास एडवांटेज होगा क्योंकि वे हमसे ज्यादा ऊंचे स्थान पर बैठे होंगे.
भारत की लड़ाई चीन की सेना से कई मोर्चों पर होगी. यह लड़ाई पाकिस्तानी कश्मीर से फिर लद्दाख फिर तिब्बत, नेपाल, सिक्किम, भूटान, से होती हुई अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और बर्मा तक फैली होगी. यहाँ पर यह बात ध्यान में रखनी है कि बर्मा और म्यांमार दोनों ही चीन की गोद में बैठे हैं और भारत के खिलाफ लड़ाई में चीन का साथ देंगे.
तो क्या भारत के पास इतनी पैदल सेना (infantry) है की वह पूरे हिमालय क्षेत्र में उसे लगा सके और उसके पास गोला बारूद, तोपें, बंदूकें और खाने पीने का सामान इत्यादि पहुंचा सके. ध्यान रहे कि भारत के पास कुल एक्टिव सेना 13.25 लाख है. इसके विपरीत चीन की कुल आर्मी 23.35 लाख है और उसने पूरे हिमालय में अपनी सेना को लगा रखा है, और अपने सैनिकों को पूरी तरह तैयार कर रखा है.
इतना ही नही यदि चीन से लड़ाई शुरू होती है तो पाकिस्तान, भारत के खिलाफ एक अलग मोर्चा खोल देगा. सबसे खतरनाक हालात भारत के लिए तब पैदा होंगे जब नक्सली इस मौके का फायदा उठाकर लाल गलियारा स्थापित करने की कोशिश करेंगे. चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के नक्सलियों को हथियार उपलब्ध कराते हैं. हाल में लातेहार में हुए नक्सली हमले में पाक निर्मित हथियार मिले थे जिससे नक्सली को पाकिस्तानी मदद की पुष्टि होती है.
भारतीय वायुसेना का आकलन (Indian Air force Analysis)
अब अगर भारत की वायुसेना की ताकत की बात की जाये तो फिलहाल हमें चीन पर भी बढ़त हासिल है. चीन के विमान ऊंचाई वाले एयरबेस से उड़ान भरेंगे, वो कम ईंधन और हथियार लेकर ही उड़ सकेंगे. चीन के पास हवा में ईंधन भरने वाले विमान भी नहीं हैं, इसलिए चीन की वायुसेना के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर है.
हालाँकि इस समय भारतीय वायुसेना जिन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रही है, उनमें से आधे अगले 9 सालों में रिटायर हो जाएंगे. इस समय वायुसेना के पास 35 फाइटर स्क्वाड्रन हैं. जबकि भारत सरकार ने 42 स्क्वाड्रन की मंजूरी दी हुई है जबकि जरूरत 45 स्क्वाड्रन की है.
भारत की वायुसेना चीन से बेहतर कैसे है? (How Indian Air force is better than China)
मिराज-2000, मिग-29, C-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान और लॉकहीड मार्टिन कंपनी का बनाया C-130J सुपर हरक्यूलिस मालवाहक विमानों के अलावा हिंदुस्तान पास सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान हैं, जो तीन हजार किलोमीटर दूर तक मार कर सकते हैं और लगातार पौने चार घंटे तक हवा में रह सकते हैं.
इसके अलावा अब भारत के पास फ़्रांस का राफेल जेट विमान भी आने ही वाला है जो कि दक्षिण एशिया में युद्ध का नक्शा ही बदल देगा.
भारत को अमेरिका से 4 चिनूक हेलिकॉप्टर पहले ही मिल चुके हैं. चिनूक हेलीकॉप्टर से भारतीय सेना को हथियार आसानी से मुहैया करवाए जा सकेंगे और भारतीय सेना अपनी टुकड़ियों को दुर्गम और ऊंचे इलाकों में जल्दी पहुंचा सकेगी. यह हेलीकॉप्टर बहुत तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है, यही वजह है कि यह बेहद घनी पहाड़ियों में भी सफ़लतापूर्वक काम कर सकता है.
भारत के पास ब्रह्मोस जैसी जबरदस्त मिसाइल भी है. इसकी रफ्तार 952 मीटर प्रति सेकेंड की है. इसके आगे दुश्मन के रडार भी फेल हो जाते हैं और अगर 30 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन का रडार इनका पता भी लगा लेता है तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उन्हें रोकने के लिए 30 सेकेंड से कम का ही समय होता है.
इस प्रकार सभी आकलन करने के बाद यह कहा जा सकता है कि यदि कुछ मोर्चों पर चीन का पलड़ा भारी है तो कुछ पर भारत का.
एक कडवी सच्चाई यह है कि ये दोनों देश पूरे विश्व के 2 चमकते हुए सितारे हैं इन दोनों की अर्थव्यवस्था पर ही विश्व की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. इसलिए विश्व के अन्य विकसित देश इन दोनों देशों के बीच युद्ध की किसी भी संभावना को ख़त्म करने में कोई कसर नही छोड़ेंगे जो कि विश्व में शांति और विकास के लिए सबसे जरूरी है. हमें उम्मीद है कि इन दोनों देशों के लीडर आपसी मुद्दों को बुलेट की नोक से नही बल्कि कलम की नोक से सुलझा लेंगे.
दोस्तों भारत और चीन की लड़ाई अगर होती है तो आप हमे कमेंट्स बॉक्स मे बताए की आप की राय मे किस का पलड़ा भारी रहेगा |
अगर आप हमारे चैनल मे नए है तो चैनल को सुबसक्रीब कर ले और सात मे घंटी को दबाय और विडिओ को लाइक करना मत भूले
Digital Locker डिजिटल लॉकर या DigiLocker डिजीलॉकर एक तरह का वर्चुअल लॉकर है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2015 में लॉन्च किया था. डिजीलॉकर को डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शुरू किया गया था. डिजीलॉकर खाता खोलने के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना अनिवार्य है. डिजीलॉकर में देश के नागरिक पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि के साथ कोई भी सरकारी प्रमाण-पत्र स्टोर कर सकते हैं.
DigiLocker पर अकाउंट कैसे बनाएं?
1. सबसे पहले digilocker.gov.in या digitallocker.gov.in पर जाएं.
2. इसके बाद दाईं ओर Sign Up पर क्लिक करें.
3. नया पेज ओपन होगा जहां अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें.
4. इसके बाद DigiLocker आपके द्वारा दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजेगा जिसे दर्ज करें.
5. इसके बाद अपना यूजरनेम और पासवर्ड सेट करें.
6. अब आप DigiLocker का इस्तेमाल कर सकते हैं.
वीडियो देखिए.
DigiLocker ऐप आप एंड्रॉइड के गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के ऐप स्टोर से डाउनलोड करके भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
DigiLocker वेबसाइट के मुताबिक, डिजीलॉकर के अभी तक 1 करोड़ 40 लाख रजिस्टर्ड यूजर हैं. DigiLocker पर अभी तक करीब 1 करोड़ 90 लाख डाक्यूमेंट्स अपलोड किए गए हैं और करीब 6.6 लाख डाक्यूमेंट्स eSigned भी हैं.
DigiLocker में डाक्यूमेंट्स कैसे अपलोड करें?
1. DigiLocker पर लॉग इन करें.
2. बाईं ओर Uploaded Documents पर जाएं और अपलोड पर क्लिक करें.
3. डॉक्यूमेंट के बारे में संक्षिप्त विवरण लिखें.
4. इसके बाद अपलोड बटन पर क्लिक करें.
5. DigiLocker पर आप अपनी 10वीं, 12 वीं, ग्रेजुएशन आदि के मार्कशीट के साथ ड्राइविंग लाइसेंस आदि डाक्यूमेंट्स स्टोर कर सकते हैं. ध्यान रहे आप अधिकतम 50MB की डाक्यूमेंट्स ही अपलोड कर सकते हैं और आप फोल्डर बना कर भी डाक्यूमेंट्स अपलोड कर सकते हैं.
हाल ही में केंद्रीय परिवहन विभाग ने ट्रैफिक पुलिस को निर्देश जारी करते हुए कहा कि वेरिफिकेशन के लिए DigiLocker के डाक्यूमेंट्स भी मान्य होंगे. इससे पहले भारतीय रेलवे ने भी वेरिफिकेशन के लिए DigiLocker के डाक्यूमेंट्स को मान्य माना था. आप ट्रैफिक पुलिस, रेल यात्रा के दौरान वेरिफिकेशन के वक्त DigiLocker के डाक्यूमेंट्स दिखा सकते हैं.